१४ जनवरी १९८५, ये दिन मेरे परिवार के लिए बहुत ही खास था। वैसे मेरा जन्मदिन बहुत से लोगो के लिए खास होता है। कल मेरा २३ वां जन्मदिन था, मैं इसे सादगी के साथ मनाना चाहता था क्योंकि अब मैं एक बच्चा नहीं रहा , बड़ा और बेरोजगार हो चुका हूँ। पर मेरे पिछले २२ जन्मदिनों ने शायद "पार्टी" के कुछ ऐसे मानदंड स्थापित कर दिए हैं जिन्हें अब सादगी की ओर मोड़ पाना अब संभव नहीं दिखता। मेरा जन्मदिन,वह भी बिना किसी treat या party के अब तो कतई संभव नहीं है, यह बहुत लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरने जैसा होगा।हालांकि कल मैंने अपना २३ वा जन्मदिन साधारण रखने की पुरजोर कोशिश जरूर की है, और मैं इसमे शायद कुछ हद तक सफल भी रहा हूँ।
वैसे मेरे जन्मदिन पर मायावती के जन्मदिन की तरह कोई भव्य राज्यव्यापी रैली तो नहीं निकलती, ना ही सोनिया गाँधी के जन्मदिन की तरह घर के बाहर टिकट मांगने वालो की भीड़ लगती है। मेरा हर जन्मदिन दोस्तो और परिवार के साथ ही बीतता है।
जन्मदिवस के साथ साथ बहुत सारी भ्रान्तियाँ भी जुडी होती हैं, कल ही कोई मुझसे कह रह था की जनवरी में प्रसिद्ध और शक्तिशाली लोग जन्म लेते हैं,वैसे एक बात बता दूँ कि प्रसिद्ध और कुख्यात मे अंतर बहुत कम लोगो को पता होता है, साथ ही शक्ति के भी कई मायने होते हैं . मेरे उस मित्र ने फिर मुझे जनवरी मे जन्म लेने वाले प्रसिद्ध हस्तियों के नाम गिनाकर मुझे convince करने का प्रयास किया। मैंने उसकी बातो से प्रभावित होकर जब इंटरनेट पर खोजबीन की तो सद्दाम हुस्सैन, मुहम्मद अली, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस,एल्विस प्रेस्ली,लुईस ब्रेल,जोन ऑफ़ आर्क, जोए फ्रेजिअर,मार्टिन लूथर किंग जूनियर,बेंजामिन फ्रैंकलिन,फ्रैंकलिन डी रूज़वेल्ट, जिम कैरी जैसे नाम जनवरी की पैदाईश सूची मे पाए। ये खोज मुझे उत्साहित कर रही थी और इतने सारी प्रसिद्ध हस्तियों का नाम मेरे जन्म माह मे पाकर मेरा मन कपडे उतार कर Eureka Eureka चिल्लाने और सडको पर दौड़ने का हो पाता उससे पहले ही मेरे चेतन मन ने मुझे अन्य माहों मे पैदा हुए लोगों के नाम ढूँढने के लिए कहा, फिर मैंने पाया अलग हर माह में प्रसिद्ध हस्तियों ने उसी तादाद में जन्म लिया है जितना कि जनवरी में। इस बात के दो अर्थ निकाले जा सकते हैं कि या तो मैं खास इंसान नहीं हूँ और जनवरी मे पैदा हुए अनेको गुमनाम लोगों कि तरह इस भीड़ का हिस्सा बन जाऊंगा,या फिर ये कि हर वह व्यक्ति जो इस धरती पर जन्म लेता है वह खास होता है बस ज़रूरत होती है कि वह अपनी क्षमताओं और कमियों को पहचाने,अपने लक्ष्य निर्धारित करे और उन्हें पाने के प्रयास जारी रखे,ताकि वो औरों कि तरह गुमनाम न हो जाये।
जन्मदिवस का राशियों के साथ भी महत्वपूर्ण संबंध है और राशियों का भविष्य से ,ऐसा कुछ लोग मानते हैं (या कहें कि बहुत से लोग मानते हैं)। पर जहाँ तक मैंने २३ साल कि उम्र तक जो भी observe किया है ,यह पाया है कि भिन्न भिन्न लोगों के राशिफल प्रायः प्रायः एक समान ही होते हैं और उनमे थोडा बहुत फेर बदल करके लोगों के सामने प्रस्तुत किया जाता है ताकि हज़ारों लोगों को सपने बेचे जाएँ और चंद लोगों कि कमाई का ज़रिया सदैव बना रहे। वैसे राशी, रत्नों, कुंडलियों, तावीजों, झाड़ फूँक इत्यादी का ये खेल बहुत पुराना है और मनुष्य के अंधविश्वास की कोई सीमा न होने के कारण ये खेल अभी लम्बा चलेगा।
वैसे ऐसे भी लोग हैं जो जन्मदिन मनाना गलत मानते हैं, उनके अनुसार आप " उस दिन"को उत्सव की तरह मन रहे हो जो आपको धीरे धीरे मौत की तरफ ले जा रहा है, अब मुझे नहीं पता की आप इसे क्या कहेंगे पर मैं तो इसे pessimism की पराकाष्ठा कहूँगा। कुछ रूढिवादी मानसिकता के लोग जन्मदिन मनाने को भारतीय संस्कृति पर पश्चिमी हमले की तरह देखते हैं, इसे क्या संज्ञा दी जाए? शायद इसे मानसिक दिवालियापन कहना ही ठीक होगा। केक काटते हुए या मोमबत्तियां फूंकते हुए बच्चे को न तो पश्चिमी सभ्यता के आक्रमण भय होता है और ना ही मौत की तरफ बढ़ने का। उसके मन में जो हर्षोल्लास की अनुभूति होती है उसके सामने ये सारी बातें नगण्य और ओछी हो जाती हैं।
हाँ, जन्मदिवस को मनाने के तरीको पर ज़रूर बहस की जा सकती है, वैसे एक स्वतंत्र देश में सबको छूट है की वे जैसे चाहें अपना जन्मदिवस मन सकते हैं, बस आप जो भी करे वो आपको ख़ुशी दे और किसी को नुकसान न पहुचाए.
ये पृष्ठ यहीं समाप्त करता हूँ इसी उम्मीद के साथ कि आप और मैं भले ही जन्मदिन को कैसे भी celebrate करें,करें या न करें, कम से कम अपनेअपने जन्म के महत्व को ज़रूर समझें.
Jan 15, 2008
जन्मदिन
पर 7:47 AM
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