जनगणना २००१ के अनुसार विभिन्न धर्मों की जनसंख्या इस प्रकार है:
हिंदू-८०.४%
मुस्लिम-१३.४%
ईसाई-२.२ %
सिख-१.९%
बौद्ध-१.१%
जैन-०.४%
अन्य-०.५%
हंगामेबाजी के लिए निम्न आंकडों का सहारा लेना आवश्यक है:
१० सालों में हिन्दुओं की जनसंख्या बढ़ी-२०.३%
मुस्लिमों की-२९.५%
ईसाइयों की-२२.६%
सिक्खों की-१८.२ %
बौद्धों की-२४.५%
जैनों की-२६.०%
उपरोक्त आंकडों को हिंदू संगठन भयानक बता रहे हैं, ये आंकडे जितना उन्हें डरा रहे हैं उससे कहीं ज्यादा वे ये आंकडे दिखा कर "आम" हिन्दुओं को डरा रहे हैं। ये हिन्दुओं के तथाकथित हितैषी संगठन,ना जाने क्यूँ इन निम्न आंकडों को नजर अंदाज कर देते हैं:-
हिन्दुओं की साक्षरता दर ७५.५ % है, वहीं ईसाइयों में यह दर ९०.३ % तथा जैनों में ९५.५% है।
हिन्दुओं का लिंग-अनुपात ९३५ है जो राष्ट्रीय औसत ९४४ से काफी नीचे है। हिन्दुओं से ज्यादा अच्छा लिंग-अनुपात मुस्लिमों(९४०),ईसाइयों(१००९),बौद्धों(९५५) तथा जैनों(९४०) का है।
हिन्दू संगठनों के अधीशों ने हिन्दुओं को ३ से ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह तो दे डाली पर धर्म से पलायन कर जाने वालों को वे कैसे रोकेंगे ? उन्होंने महिला उत्पीडन तथा भ्रूण हत्या को रोकने के लिए आज तक क्या किया है? साक्षरता बढाने के लिए क्या किया है? दलितों के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार एवं अत्याचार को रोके बिना वे पलायन कैसे रोकेंगे? मंदिरों और आश्रमों में जमा अफरात धन दौलत पड़े पड़े सड़ न जाए ,इसके लिए क्या किया जा रहा है? कुछ भी नहीं।
"किसी सम्प्रदाय से भयभीत होने का अर्थ है स्वयं के सम्प्रदाय से भरोसा उठ जाना, और जिसका स्वयं के पंथ पर ही विश्वास न हो उसे धर्मावलम्बी कैसे कहा जा सकता है? सम्प्रदाय मार्ग है, लक्ष्य नहीं। इसलिए विचलित होने का प्रश्न ही खड़ा नहीं होता। जो विचलित है, वह पंथी नहीं। पथ से भटकाव ही विचलन का कारण है। दूसरों से जब भय हो तो आत्मावलोकन करें कि त्रुटि कहाँ हुई है, श्रेष्ठ कोई भी नहीं, त्रुटिमुक्त कोई भी नहीं। नागरिक, श्रेष्ठीवर्ग एवं शासक, धर्म की शरण लें अथवा धम्म की, राज्यहित ही उनका प्रमुख ध्येय होना चाहिए। "- चाणक्य
Mar 9, 2008
अल्पसंख्यक धर्मावलंबियों की बढ़ती आबादी से घबराने वालों को चाणक्य की सीख
पर 3:00 AM
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5 comments:
बिलकुल ठीक बात। आबादी बढ़ाने से बेहतर यह है कि मौज़ूदा आबादी की बेहतरी कैसे हो, यह सोचा जाए और उस पर काम किया जाए। - आनंद
ज्ञानवर्धक आलेख है।
होली पर विशेष है।
बढ़िया विश्लेष्ण.
bilkul sahee voshleshan aur sarthak sawal hain. badhai.
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